tag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post8699506749959059374..comments2024-01-30T17:48:49.479+05:30Comments on वाटिका: दस कविताएं - अनामिकासुभाष नीरवhttp://www.blogger.com/profile/03126575478140833321noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post-68055249344534416452008-02-19T13:55:00.000+05:302008-02-19T13:55:00.000+05:30क्या स्त्रियों को केवल स्त्री को ही केंद्र में रखक...क्या स्त्रियों को केवल स्त्री को ही केंद्र में रखकर कविताएं लिखनी चाहिए। तब तो पुरुषों को भी ऐसा ही करना चाहिए। मैं अनामिका जी की कविताओं को लेकर सवाल नहीं उठा रहा। वे तो हैं ही अन्यतम। पर कवयित्रियों को भी काव्य-विषय के अपने फलक को विस्तृत करने की जरुरत है।-सुशील कुमार।दुमका-८१४१०१<BR/>ईमेल-sk.dumka@gmail.comSushil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/09252023096933113190noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post-6432989298556849332007-12-21T17:05:00.000+05:302007-12-21T17:05:00.000+05:30अनामिका जी की कवितायें पढ़ना जीवन के सारे सुख दुःख...अनामिका जी की कवितायें पढ़ना जीवन के सारे सुख दुःख के अनुभवों को एक साथ जीने जैसा है. शब्द चित्रों के मध्यम से वो पीड़ा और खुशी दोनों के भाव रचती हैं. उनकी लेखनी चमत्कृत करती है. साधुवाद आपको ऐसी लाजवाब रचनाएँ हम जैसे पाठकों तक लाने के लिए. <BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post-50529077591130389002007-12-13T14:26:00.000+05:302007-12-13T14:26:00.000+05:30BhaiSubhash,Anamika Ji ki 10 kavitaon ka tumbhara ...BhaiSubhash,<BR/><BR/>Anamika Ji ki 10 kavitaon ka tumbhara chayan utkrishta hai. Sabhi kavitaon ne abhibhut kiya. Tumbhe chayan ke liye aur Anamika ji ko utkrishta kavitaon ke srijan ke liye badhai.<BR/><BR/>Chandelरूपसिंह चन्देलhttps://www.blogger.com/profile/01812169387124195725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post-24883706092684309772007-12-12T20:55:00.000+05:302007-12-12T20:55:00.000+05:30लेखन के संबंध में अनामिका की एक अलग पहचान है। उसी ...लेखन के संबंध में अनामिका की एक अलग पहचान है। उसी में से दस उम्दा मोती चुन कर, चयनकर्ता नीरव और कवयित्री ने वाटिका में सुगंध बरपा दी है। जिससे सभी हरषा रहे हैं।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post-23568263534129446912007-12-12T20:37:00.000+05:302007-12-12T20:37:00.000+05:30अनामिका की कविताएँ तो बेजोड़ हैं ही; भाई नीरव जी आप...अनामिका की कविताएँ तो बेजोड़ हैं ही; भाई नीरव जी आपकी प्रतुति रचना की आत्मा तक पहुँचा देती है ।शब्द कम पड़ रहे हैं-आप अविस्मरणीय कार्य कर रहे हैं।<BR/>रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post-1432505956377744582007-12-12T08:03:00.000+05:302007-12-12T08:03:00.000+05:30बहुत ही अच्छी और उत्क्रिष्ट कविताओ के चयन और प्रस्...बहुत ही अच्छी और उत्क्रिष्ट कविताओ के चयन और प्रस्तुति के लिये बधाई! यन्त्रणा, प्रतिकार, करुणा और उदात्त आत्मानुभवो की ऐसी स्मरणीय कविताए कोई स्त्री ही लिख सकती है.Uday Prakashhttps://www.blogger.com/profile/07587503029581457151noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post-38959751444351078162007-12-12T00:44:00.000+05:302007-12-12T00:44:00.000+05:30अच्छे चयन के लिए आपको बधाईअच्छे चयन के लिए आपको बधाईजयप्रकाश मानसhttps://www.blogger.com/profile/16792869521782040232noreply@blogger.com