tag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post8947733552251796366..comments2024-01-30T17:48:49.479+05:30Comments on वाटिका: वाटिका – जून 2012सुभाष नीरवhttp://www.blogger.com/profile/03126575478140833321noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post-80713946101426171552012-08-01T23:09:40.822+05:302012-08-01T23:09:40.822+05:30अच्छी ग़ज़लें है - एक से बढकर एक शेर -
गरीबी में भ...अच्छी ग़ज़लें है - एक से बढकर एक शेर - <br /><br />गरीबी में भी बच्चे यूँ उड़ानें पाल लेते हैं<br />ज़रा-सी डाल झुक जाए तो झूला डाल लेते हैं<br /><br />तुम्हारी रात होने पर हमारा दिन निकलता है <br />कि हमने तीरगी से रोशनी के गीत पाए हैं <br /><br />शाम हुई तो घर लौटेंगे इनमें कितने<br />सुबह-सुबह कर रहे नमस्ते कितने खुश हैं<br /><br />किसी के वास्ते बरसात है बदला हुआ मौसम<br />किसी के वास्ते ये साल भर की आस होता है<br /><br />हवा चुपचाप अपना काम करके जा चुकी होगी<br />सभी इलज़ाम चिंगारी के जिम्मे हो गए होंगे<br /><br />ये कैसा दौर है इस दौर की तहजीब कैसी है<br />जिसे भी देखिये वो पीठ पर ही वार करता है <br /><br />हवस के दौर में बेकार हैं अब प्यार के किस्से<br />घडा लेकर भला अब कौन दरिया पार करता है <br /><br />ख्याल आते ही दिल बुझ-सा गया मिट्टी के दीपक का <br />उसे रक्खा गया है सिर्फ पूजा में जलाने कोप्रदीप कांतhttps://www.blogger.com/profile/09173096601282107637noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post-41826353806570469992012-07-07T12:10:52.990+05:302012-07-07T12:10:52.990+05:30अछि हैं , और मन को भाई हैं |अछि हैं , और मन को भाई हैं |Darshan Darveshhttps://www.blogger.com/profile/12199453189017666485noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post-64581793091671618702012-06-13T21:47:58.932+05:302012-06-13T21:47:58.932+05:30bahot pasand aayee.....bahot pasand aayee.....mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post-49423684319597437162012-06-12T23:01:04.008+05:302012-06-12T23:01:04.008+05:30भाई सुरेश यादव की टिप्पणी में 'माझे' शब्द ...भाई सुरेश यादव की टिप्पणी में 'माझे' शब्द को 'मंझे' पढ़ें, यह टाइपिंग गलती से चलते ऐसा हो गया है।सुभाष नीरवhttps://www.blogger.com/profile/03126575478140833321noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post-81531107764447220822012-06-12T22:35:50.992+05:302012-06-12T22:35:50.992+05:30रवि शर्मा एक माझे हुए गज़लकार हैं .संवेदना की ईमान...रवि शर्मा एक माझे हुए गज़लकार हैं .संवेदना की ईमानदारी झलकती है दिल से निकली हुई ग़ज़ल दिल तक जाती है हार्दिक बधाईसुरेश यादवhttps://www.blogger.com/profile/16080483473983405812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post-45402664148821946042012-06-11T15:07:27.879+05:302012-06-11T15:07:27.879+05:30सभी गज़लें प्रभावशाली हैं.सभी गज़लें प्रभावशाली हैं.उमेश महादोषीhttps://www.blogger.com/profile/17022330427080722584noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post-32793937860795412982012-06-08T21:24:26.326+05:302012-06-08T21:24:26.326+05:30प्रिय सुभाष जी ,
रवि जी की सभी ग़ज़लें ...प्रिय सुभाष जी ,<br /> रवि जी की सभी ग़ज़लें मैं बड़े मनोयोग से पढ़ गया हूँ .<br />उनके कई अशआर पर मेरे दिल से दाद निकली है . अच्छे शेरों के लिए उनको बधाई और शुभ कामना . उनके कुछ अशआर या मिसरे ऐसे भी हैं जिनमें कहीं ` कर्त्ता ` गायब है और कहीं शब्द ` भर्ती ` सा है . कहीं - कहीं तो शब्द का वज़न सही नहीं है . <br />मसलन उनके दो मिसरे हैं -<br /><br />` रवि ` हम तो अभी तक भी पुराना माल लेते हैं <br /><br /> सुबह - सुबह कर रहे नमस्ते कितने खुश हैं <br /><br /> पहले मिसरे में ` भी ` शब्द भर्ती या फालतू है . <br /><br />दूसरे मिसरे में `सुबह` दो वज़्नों में यानि ` दर्द ` और` दया ` ( 2 1 और 1 2 ) में इस्तेमाल किया गया है . ` सुबह ` का सही वज़न है - 2 1 . हिंदी में उसको 1 2 के वज़न में इस्तेमाल करते हैं . रवि साहिब ` सुबह` को 2 1 के वज़न में इस्तेमाल करें या 1 2 के वज़न में .रवि साहिब अगर अपने नाम को सही वज़न ( 2 या 1 1 ) में करते तो बेहतर होता . <br /> प्राण शर्माAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post-64814177299592076042012-06-07T17:31:28.490+05:302012-06-07T17:31:28.490+05:30Ravidr jee bahut badiya gajal padwane ke liye Subh...Ravidr jee bahut badiya gajal padwane ke liye Subhash jee aapka aabhar.ashok andreyhttps://www.blogger.com/profile/03418874958756221645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post-18192528766853791492012-06-07T07:45:44.287+05:302012-06-07T07:45:44.287+05:30Lajwaab ghazals ke liye daad kabool ho..
आईने घर क...Lajwaab ghazals ke liye daad kabool ho..<br />आईने घर के बदल देने से क्या हो जाएगा<br />अपनी ही सूरत थी जिसको देख कर मैं डर गया<br /><br />aapki ghazalein jo dekhein padhne ko man kar gaya<br />padhte padhte pyaas kaisee anbujhi ye bhar gayaDevi Nangranihttps://www.blogger.com/profile/08993140785099856697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post-35573339332168453362012-06-06T20:57:36.855+05:302012-06-06T20:57:36.855+05:30all ghazals are supewrb......all ghazals are supewrb......pawan jainhttps://www.blogger.com/profile/00227876778534167966noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1702705983988931875.post-66793425978760310942012-06-06T18:33:45.057+05:302012-06-06T18:33:45.057+05:30सभी गजलें उत्कृष्ट हैं. किसी एक ग़ज़ल या शेर का चु...सभी गजलें उत्कृष्ट हैं. किसी एक ग़ज़ल या शेर का चुनाव मुमकिन नहीं. सभी शेर मुकम्मल और ख़ास ...<br /><br />शहर ने आज तक भी गाँव से जीना नहीं सीखा<br />हमेशा गाँव ही खुद को शहर में ढाल लेते हैं<br /><br />रवीन्द्र जी का परिचय और रचनाएँ पढवाने के लिए धन्यवाद.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.com