
आप सभी को नव वर्ष 2011 की अनेक शुभकामनाएं !
सुभाष नीरव
जेन्नी शबनम की सात कविताएँ
दंभ हर बार टूटा...

रिश्ते बँध नहीं सकते
जैसे वक़्त नहीं बंधता,
पर रिश्ते रुक सकते हैं
वक़्त नहीं रुकता !
फिर भी कुछ तो
है समानता,
न दिखे पर दोनों
साथ है चलता !
नहीं मालूम
दूरी बढ़ी
या कि
फासला न मिटा,
पर कुछ तो है कि
साथ होने का दंभ
हर बार टूटा !
-0-
मन भी झुलस जाता है...
मेरे इंतज़ार की
इन्तहाँ देखते हो,
या कि अपनी बेरुखी से
ख़ुद खौफ़ खाते हो !
नहीं मालुम क्यों हुआ
पर कुछ तो हुआ है,
बिना चले हीं कदम
थम कैसे गए?
क्यों न दी आवाज़ तुमने?
हर बार लौटने की
क्या मेरी ही बारी है?
बार-बार वापसी
नहीं है मुमकिन,
जब टूट जाता है बंधन
फिर रूठ जाता है मन !
पर इतना अब मान लो
इंतज़ार हो कि वापसी
जलते सिर्फ पाँव हीं नहीं
मन भी झुलस जाता है !
-0-
मेरी दुनिया...
यथार्थ से परे
स्वप्न से दूर,
क्या कोई दुनिया होती?
शायद मेरी दुनिया ऐसी हीं होती !
एक भ्रम...अपनों का...
एक भ्रम... जीने का...
कुछ खोने और पाने का...
विफलताओं में आस बनाये रखने का...
नितांत अकेली मगर भीड़ में खोने का...!!!
पर ये लाज़िमी है मेरे लिए,
ऐसी दुनिया न बनाऊं तो जियूं कैसे?
-0-
रचती हूँ अपनी कविता...
दर्द का आलम
यूँ हीं
नहीं होता
लिखना,
ज़ख़्म को
नासूर बना
होता है
दर्द जीना,
कैसे कहूँ
कि कब
किसके दर्द को
जिया,
या अपने हीं
ज़ख़्म को
छील
नासूर बनाया,
ज़िन्दगी हो
या कि
मन की
परम अवस्था,
स्वयं में
पूर्ण समा
फिर रचती हूँ
अपनी कविता ।
-0-
ज़िन्दगी मौका नहीं देती...
खौफ़ के साये में
ज़िन्दगी को तलाशती हूँ,
ढेरों सवाल हैं
पर जवाब नहीं
हर पल हर लम्हा
एक इम्तहान से गुजरती हूँ,
ख्वाहिशें इतनी कि पूरी नहीं होती
कमबख्त,ये जिंदगी मौका नहीं देती ।
-0-
इक दर्द पिघलता
मेरी नसों में लहू बनकर
इक दर्द पिघलता है,
मेरी साँसों में ख़ुमार बनकर
इक ज़ख्म उतरता है,
इक ठंढी आग है
समाती है सीने में मेरे धीरे -धीरे,
और उसकी लपटें
जलाती है ज़िन्दगी मेरी धीमे- धीमे
न राख है ,न चिंगारी
पर ज़िन्दगी है कि
सुलगती ही रहती है ।
-0-
कुछ टुकड़े हैं, अतीत के
कुछ टुकड़े हैं, अतीत के,
रेहन रख आई हूँ,
ख़ुद को, बचा लाई हूँ ।
साबुत माँगते हो, मुझसे मुझको,
लो, सँभाल लो अब,
ख़ुद को, जितना बचा पाई हूँ ।
-0-डॉ. जेन्नी शबनम
जन्म : 16 नवंबर 1966, भागलपुर (बिहार)
शिक्षा : एम.ए., एल.एलबी.,पी.एच.डी.
संप्रति : अधिवक्ता, नई दिल्ली
ब्लॉग : http://lamhon-ka-safar.blogspot.com
ई मेल : jenny.shabnam@gmail.com